मीठा बड़ा है सर्दियों में धूप का आना मगर
खारा लगे है बादलों में इसका छुप जाना मगर
भार ढोती और रहती साँस है बेक़ौल हर दम
गाड़ियों में बैठ कोहरे से तो घबराना मगर
खारा लगे है बादलों में इसका छुप जाना मगर
भार ढोती और रहती साँस है बेक़ौल हर दम
गाड़ियों में बैठ कोहरे से तो घबराना मगर
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