कुछ कर गुज़रना चाहिए
मुझ को भी सपना चाहिए
जब रात ठहरी है यहीं
चंदा को तकना चाहिए ...
इस उम्र की दहलीज़ पर
मन का ही सुनना चाहिए
हर चंद एक सहरा यहाँ
बस अश्क थमना चाहिए
बरकत सभी को नसीब हो
हर दर महकना चाहिए
मुझ को भी सपना चाहिए
जब रात ठहरी है यहीं
चंदा को तकना चाहिए ...
इस उम्र की दहलीज़ पर
मन का ही सुनना चाहिए
हर चंद एक सहरा यहाँ
बस अश्क थमना चाहिए
बरकत सभी को नसीब हो
हर दर महकना चाहिए