शाम यूँ ही ढल जाना बुरा क्यूँ है.?
उसको याद न आना बुरा क्यूँ है ?
बेलौस मरासिम न हों न सही...
फ़र्ज़ ही को निभाना बुरा क्यूँ है ?
अक्स के असरार आसेबी तो क्या?
सच सब को दिखलाना बुरा क्यूँ है ?
समंदर साहिलों पे आकर सोचे तो
खुद ही में डूबते जाना बुरा क्यूँ है ?
सरगोशियाँ अफ़वाह न बन जाए कहीं
खुल के साथ निभाना बुरा क्यूँ है...?
"बेलौस" = बिना स्वार्थ के
"मरासिम"= रिश्ते
"सरगोशियाँ"= कानाफूसी
"अक्स" = प्रतिबिम्ब
"असरार" - रहस्य
"आसेबी"= डरावना
Behtareen....naye shabd padhne aur jaanne mile...
जवाब देंहटाएंdhanyavaad...
समंदर साहिलों पे आकर सोचे तो
जवाब देंहटाएंखुद ही में डूबते जाना बुरा क्यूँ है ?
सरगोशियाँ अफ़वाह न बन जाए कहीं
खुल के साथ निभाना बुरा क्यूँ है...?
वाह ...बहुत खूब।
बहुत सुन्दर्।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...