बहा ले जाएगा एक दिन हमें भी वक़्त का दरिया
किसी के छोड़ जाने से कभी दुनिया नहीं रूकती !
"सभी जो हौंसला रक्खें तो फिर हो रास्ते आसाँ "
कहा जो था ये तुम ने तो भला मैं क्यूँ कहीं रूकती !
सवाले हस्ती पे यूँ चौंकना लाज़िम था अपना भी
निशाँ -ए- नूर- ए- मौला जब जहाँ मिलता वहीँ रूकती?
किसी के छोड़ जाने से कभी दुनिया नहीं रूकती !
"सभी जो हौंसला रक्खें तो फिर हो रास्ते आसाँ "
कहा जो था ये तुम ने तो भला मैं क्यूँ कहीं रूकती !
सवाले हस्ती पे यूँ चौंकना लाज़िम था अपना भी
निशाँ -ए- नूर- ए- मौला जब जहाँ मिलता वहीँ रूकती?