रस्ता बदल के देखिए
थोड़ा सँभल के देखिए
वो जाने किस घड़ी मिले
पलकों पे ढल के देखिए
क्यूँ रोशनी से फ़ासला
घर से निकल के देखिए
बहार ही बहार सब
... नज़र बदल के देखिए
मज़ा कहाँ यूँ ज़िस्त में
थोड़ा तो जल के देखिए
थोड़ा सँभल के देखिए
वो जाने किस घड़ी मिले
पलकों पे ढल के देखिए
क्यूँ रोशनी से फ़ासला
घर से निकल के देखिए
बहार ही बहार सब
... नज़र बदल के देखिए
मज़ा कहाँ यूँ ज़िस्त में
थोड़ा तो जल के देखिए
Excelente post nutan, muchas gracias por compartirlo, da gusto visitar tu Blog.
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Un gran saludo, Oz.